शिव-पार्वती और राधा-कृष्ण के अश्लील की झांकियों पर रोक लगाई जाये नही आयोजकों पर की जाएगी कानूनी कार्यवाही – सभी सनातन प्रेमी
बठिंडा प्रशाशन को दिया मांगपत्र:
बठिंडा प्रशाशन से गुस्से का इजहार:शिव-पार्वती और राधा-कृष्ण के अश्लील की झांकियों पर रोक लगाई जाये – सभी सनातन प्रेमी
भगवान की भेषभूषा में कलाकारों का नाचना बंद किया जाना चाहिए – बलराम शर्मा
बठिंडा इस समय शहर में कई जगह जागरण के बोर्ड लगे हैं जिनमे लिखा है की आने बाले दिनों में जागरण है और इनमें भगवान कृष्ण, शिव पार्वती, भैरों बाबा जी के चरित्र चित्रण झांकियां निकली जाएँगी और यहाँ तक की बच्चों के मनोरंजन के लिए मिक्की माउस और डोरेमोन जैसे कार्टून भी इस जागरण की सोभा बढ़ाएंगे आज सकरवार को एडीसी मंदीप कौर और एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना (आईपीएस) को ज्ञापन देते हुए जंगरं के नाम पर अश्लील प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की मांग उठाई है। इसके अलावा हिन्दू संगठन के सभी नेताओं ने कहा की ये धार्मिक प्रोग्राम है यहाँ पर कुछ लोग सिर्फ पैसे के लालच में भगवान को जागरण के स्टेज पर नचाया जाता है और हम कुर्सी पर बैठ कर मजे लेते है क्या हम इतने बड़े हो गए की भगवान को नचा सकते हैं अतः प्रशाशन से निवेदन है की इस तरह की झांकियों पर तुरंत रोक लगाई जाये जिनके माध्यम से सनातन धर्म की भावनओं का मजाक उड़ाया जा रहा है अगर प्रशाशन ने जल्द से जल्द इन झांकियों को करने बाले और आयोजकों पर कार्यवाही नहीं की तो समस्त हिन्दू समाज इसके डटकर विरोध करेगा जिसका जिम्मेदार प्रशाशन होगा और यहाँ पर ये भी बात बताने योग है की क्या इन जागरण कमेटी के मेंबर्स के द्वारा प्रशाशन से कोई परमिशन ली जा रही है
झांकी के नाम पर सार्वजनिक मंच से सनातन धर्म का उड़ा रहे मजाक – सतिंदर कुमार
कम कपडे और भड़काऊ डांस के जरिये भगवान और मां भगवती के चित्र का मजाक उदय जा रहा है । इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए। इस चित्रण से सनातन धर्म का भी मजाक उड़ रहा है। ऐसे कार्यक्रम और पारिवारिक आयोजनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाना न्याय हित में है।इनके जरिये कही न कहीं सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिस भी की जा रही कम उम्र के बच्चे जब इस तरह के प्रोग्राम देखते हैं तो उनके मन पर भी गलत प्रभाव पड़ता है की क्या हमरे भगवान ऐसा करते थे।
इस मौके पर , बलराम शर्मा , सतिंदर कुमार , मनी सुखीजा , अंकुर गर्ग, विक्रम वर्मा,राज कुमार शर्मा(ताया जी) के अलावा कई सनातन प्रेमी मौजूद थे