भारत रंग महोत्सव के तहत जागरूकता फैलाने का प्रयास: डीसी श्री शौकत अहमद परे


भारत रंग महोत्सव के तहत जागरूकता फैलाने का प्रयास: डीसी श्री शौकत अहमद परे

डीसी श्री शौकत अहमद परेपंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधानश्री अमरजीत मेहता बलवंत गार्गी ऑडिटोरियम हॉल में शुरू हुए नाटक मंचन समारोह के दौरान
डीसी श्री शौकत अहमद परे
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधानश्री अमरजीत मेहता
बलवंत गार्गी ऑडिटोरियम हॉल में शुरू हुए नाटक मंचन समारोह के दौरान

सतिंदर कुमार : बठिंडा (09/02/2025) : मानयोग पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान श्री अमरजीत मेहता के प्रयासों तथा नगर निगम बठिंडा के मेयर श्री पदमजीत सिंह मेहता और पार्षदों के सहयोग से बलवंत गार्गी ऑडिटोरियम हॉल में शुरू हुए नाटक मंचन समारोह के दूसरे दिन आज पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध निर्देशक देबाशीष चक्रवर्ती, लेखक तीर्थंकर चंदा का प्रसिद्ध बांग्ला नाटक “अभिजान” का मंचन किया गया। इस दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर मानयोग डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद परे उपस्थित हुए, जिनके साथ मानयोग पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान श्री अमरजीत मेहता भी उपस्थित थे। इस नाटक को बांग्ला भाषा में ताला ध्रुपद नाट्य संस्था, पश्चिम बंगाल की टीम द्वारा खेला गया। आज का नाटक समय की यात्रा को व्यक्त करता दिखाई दिया। साल 1905-1910 के बीच का राजनीतिक रूप से अस्थिर भारत नाटक की मुख्य विषय-वस्तु रही। बंगाल का विभाजन इस कालखंड का एक महत्वपूर्ण प्रकरण है। इस दौर में अनेक व्यक्तित्व आए और चले गए, जिनमें अरविंद घोष, बिपिन चन्द्र पाल और नरेन्द्रनाथ घोष आदि शामिल हैं।

इस दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर मानयोग डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद परे जिनके साथ मानयोग पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान श्री अमरजीत मेहता भी उपस्थित थे
इस दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर मानयोग डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद परे जिनके साथ मानयोग पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के प्रधान श्री अमरजीत मेहता भी उपस्थित थे

यह नाटक रवीन्द्रनाथ और उस काल के आसपास के अन्य लोगों के कार्यों और प्रतिक्रियाओं का एक संकलन है। असित के चरित्र के माध्यम से रवीन्द्रनाथ के बारे में आम लोगों के सवाल सामने आते हैं तथा एक अन्य किरदार निबारोन चक्रवर्ती द्वारा उस समय की विभिन्न घटनाओं का जिक्र करके उन सवालों का जवाब देने की कोशिश की गई है। क्रियाओं तथा शब्दों के माध्यम से अतीत में जाना, फिर वापस वर्तमान में लौटना और पुनः प्रश्नों से टकराना, कुछ इसी तरह विभिन्न सामयिक घटनाओं के माध्यम से नाटक आगे बढ़ता है। नाटक के प्रमुख पात्रों के रूप में रवीन्द्रनाथ टैगौर की भूमिका में अरूप मानना, निबारोन के रूप में देवाशीष चक्रवर्ती, असित की भूमिका में गौतम विकास चन्द्र, मानसी के चरित्र में मीता रॉय, बिपिन पाल के रूप में अभिजित बैनर्जी, गोरा की भूमिका में जयंत चक्रवर्ती ने शानदार अभिनय किया। इस दौरान मानयोग डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद परे, मानयोग पीसीए प्रधान श्री अमरजीत मेहता ने कहा कि समाज को सामाजिक बुराइयों से मुक्त करने और नौजवान पीढ़ी को अपनी भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास उक्त भारत रंग समारोह के तहत नाटक मंचन में किया गया है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि 12 फरवरी तक बलवंत गार्गी ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित हो रहे नाटक मंचन में पहुंचकर अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से अवगत करवाएं और उनके माध्यम से सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता मुहिम को तेज करने का प्रयास करें। श्री अमरजीत मेहता ने बताया कि 10 फरवरी, दिन सोमवार की शाम 6:30 बजे प्रसिद्ध लेखक हरिशंकर परसाई जी के 100वें जन्मदिन पर उनको समर्पित “रानी नागफनी की कहानी” का मंचन डायरेक्टर सुरेंद्र शर्मा के निर्देशन में रंग सप्तक ग्रुप, दिल्ली द्वारा हिंदी नाटक का मंचन किया जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि इस नाटक मंचन में मुफ्त एंट्री है और आम जनता अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर सामाजिक बदलाव में अपना योगदान डालें। इस दौरान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से रामजी बाली, नीरज कुमार, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय से डॉ. कुलिन कुमार जोशी, तकनीकि निदेशक प्रीतपाल रुपाणा सहित भारी संख्या में दर्शक एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

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