की ओर से चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा के लिए जमीन आवंटित करने का कड़ा विरोध
इस कदम को दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा करने की साजिश करार दिया
सतिंदर कुमार चंडीगढ़, 15 नवंबर
पंजाब के बिजली एवं लोक निर्माण मंत्री स. हरभजन सिंह ईटीओ ने चंडीगढ़ में विधानसभा भवन निर्माण के लिए हरियाणा को जमीन आवंटित करने के फैसले का सख्त विरोध किया है। उन्होंने इस कदम को दोनों राज्यों के बीच तनाव पैदा करने की साजिश करार दिया है और केंद्र सरकार से पंजाब के ऐतिहासिक और कानूनी दावों का सम्मान करने की अपील करते हुए इसकी स्थिति को बदलने वाले किसी भी कदम को तुरंत रोकने की अपील की।
आज जारी एक प्रेस बयान में कैबिनेट मंत्री स. हरभजन सिंह ईटीओ ने जोर देकर कहा कि चंडीगढ़, पंजाब की राजधानी होने के नाते, यहां के लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। उन्होंने चेतावनी दी कि चंडीगढ़ की जमीन हरियाणा को आवंटित करने का कोई भी कदम पंजाबियों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाएगा।
मंत्री स. हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, जो पहले पंजाब और हरियाणा के किसानों की एकता के कारण आंदोलन के आगे झुकी थी, की ओर से इस फैसले का उपयोग दोनों राज्यों के बीच टकराव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा धान की खरीद में देरी के कारण पंजाब के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने तर्क दिया कि यह निर्णय भी केंद्र सरकार द्वारा राज्य के विकास को बाधित करने और इसके हितों की उपेक्षा करने के चिंताजनक रवैये का प्रतीक है।
पंजाब सरकार के स्पष्ट रुख की पुष्टि करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार चंडीगढ़ पर राज्य के दावे के प्रति अडिग है और इसके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब और हरियाणा के लोगों के बीच विभाजन या नफरत को भड़काने के किसी भी प्रयास को सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे विघटनकारी प्रयासों का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा और दोनों राज्यों में मौजूद सौहार्द और एकता को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।